ई-काव्य: हिंदी कविता और शायरी
Friday, October 13, 2023

वो तो ख़ुश्बू है

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  वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे दिल को क्यूँ ज़िद है कि आग़ोश में भरना है उसे। क्यूँ सदा पहने वो तेरा ही पसंदीदा लिबास कुछ तो म...
Sunday, May 21, 2023

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता

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बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता, जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता। सब कुछ तो है क्या ढूँढती रहती हैं निगाहें, क्या बात है मैं वक...
Tuesday, May 9, 2023

कभी कभी तो बहुत याद आने लगते हो

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  कभी कभी तो बहुत याद आने लगते हो, कि रूठते हो कभी और मनाने लगते हो। गिला तो ये है तुम आते नहीं कभी लेकिन, जब आते भी हो तो फ़ौरन ही जाने लग...
Monday, May 8, 2023

इस हुस्न की हिफ़ाज़त कर

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    परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफ़ाज़त कर सँभल के चल तुझे सारा जहान...
Friday, April 7, 2023

दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे

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  दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे, उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे। वो सादगी न करे कुछ भी तो अदा ही लगे, वो भोल-पन है कि बेबाकी भी ...
Thursday, April 6, 2023

बे-क़रारी सी बे-क़रारी है

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  बे-क़रारी सी बे-क़रारी है, वस्ल है और फ़िराक़ तारी है। जो गुज़ारी न जा सकी हम से, हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है। निघरे क्या हुए कि लोगों पर,...
Monday, April 3, 2023

शोला हूँ भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता

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शोला हूँ भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता, सच मुँह से निकल जाता है कोशिश नहीं करता। गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ लेकिन, चढ़ते हुए सूरज की परस्त...
Thursday, March 30, 2023

शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है

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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है, तलाश में है सहर बार बार गुज़री है। *शब=रात्रि जुनूँ में जितनी भी गुज़री ब-कार गुज़री है, अगरचे दिल पे ख...

चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है

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रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है, चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है। एक दीवाना मुसाफ़िर है मिरी आँखों में, वक़्त-बे-वक़्त ठहर जाता...
Tuesday, February 28, 2023

अहाहाहा अहाहाहा

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  मय-ओ-साक़ी हैं सब यकजा अहाहाहा अहाहाहा अजब आलम है मस्ती का अहाहाहा अहाहाहा *यकजा=एक साथ बहार आई तुड़ाने फिर लगे ज़ंजीर दीवाने हुआ शोर-ए-जु...
Friday, February 24, 2023

पहले तो उस की ज़ात ग़ज़ल में समेट लूँ

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पहले तो उस की ज़ात ग़ज़ल में समेट लूँ फिर सारी काएनात ग़ज़ल में समेट लूँ होते हैं रूनुमा जो ज़माने में रोज़-ओ-शब वो सारे हादसात ग़ज़ल में सम...
Tuesday, February 14, 2023

जिन ने देखा कहा अहा-हाहा

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  हुस्न उस शोख़ का अहा-हाहा जिन ने देखा कहा अहा-हाहा ज़ुल्फ़ डाले है गर्दन-ए-दिल में दाम क्या क्या बढ़ा अहा-हाहा आन पर आन वो अजी ओ हो और अदा...
Wednesday, January 4, 2023

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा

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                        न आएगा यहाँ कोई न आया होगा, मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा।   दिल-ए-नादाँ न धड़क ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क, कोई ख़त ले...
Wednesday, December 28, 2022

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो

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जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने, इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने। *जुस्तजू=तलाश सब का अहवाल वही है जो हमारा है आज, ये अलग बात क...
Tuesday, December 20, 2022

गो ज़रा सी बात पर

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                                    गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए गर्मी-ए-महफ़िल फ़क़त इक नारा-ए-...
Wednesday, December 14, 2022

एक मिनट

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  हज़ार कहता रहा मैं कि यार एक मिनट, किया न उस ने मिरा इंतिज़ार एक मिनट। मैं जानता हूँ कि है ये ख़ुमार एक मिनट, इधर भी आई थी मौज-ए-बहार एक म...
Wednesday, December 7, 2022

सब कुछ अच्छा हो जाएगा

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रफ़्ता रफ़्ता सब कुछ अच्छा हो जाएगा इन-शाआल्लाह सब कुछ अच्छा हो जाएगा आड़े-तिरछे मंज़र सीधे हो जाएँगे उल्टा सीधा सब कुछ अच्छा हो जाएगा दुख स...
Saturday, November 26, 2022

कोरे घड़े का पानी

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  हर-चंद बे-नवा है कोरे घड़े का पानी   दीवान ' मीर ' का है कोरे घड़े का पानी     उपलों की आग अब तक हाथों से झाँकती है   आँखों में जा...
Tuesday, September 13, 2022

हम को तो गर्दिश-ए-हालात पे रोना आया

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हम को तो गर्दिश-ए-हालात पे रोना आया रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया    कैसे जीते हैं ये किस तरह जिए जाते हैं अहल...
Thursday, August 25, 2022

तबीअ'त उदास है

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साक़ी शराब ला कि तबीअ ' त उदास है   मुतरिब रुबाब उठा कि तबीअ ' त उदास है     रुक रुक के साज़ छेड़ कि दिल मुतमइन नहीं   थम थम के मय प...
Thursday, April 28, 2022

मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए

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मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए, मिरे आज़माने वाले मुझे आज़मा के रोए। कोई ऐसा अहल-ए-दिल हो कि फ़साना-ए-मोहब्बत, मैं उसे सुना के रोऊँ...
Friday, April 22, 2022

रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया

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  हम   को   तो   गर्दिश-ए-हालात   पे   रोना   आया   रोने   वाले   तुझे   किस   बात   पे   रोना   आया     कैसे   जीते   हैं   ये   किस   तरह ...
Wednesday, April 6, 2022

राह आसान हो गई होगी

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  राह आसान हो गई होगी, जान पहचान हो गई होगी। मौत से तेरे दर्द-मंदों की, मुश्किल आसान हो गई होगी। फिर पलट कर निगह नहीं आई, तुझ पे क़ुर्बान हो...
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