Wednesday, November 26, 2014

हृदय चोट खाए दबाओगे




हृदय चोट खाए दबाओगे कब तक
बने नीच यों मार खाओगे कब तक
तुम्हीं नाज़ बेजा उठाओ कब तक
असहयोग कर दो असहयोग कर दो

~ गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
   Jun 13, 2013

No comments:

Post a Comment