वो अपने ज़ोम में था, बेख़बर रहा मुझसे
उसे गुमाँ भी नहीं, मैं नहीं रहा उसका
*ज़ोम=घमंड; बेख़बर=अनभिज्ञ; गुमाँ=शक, अंदेशा
~ अहमद फ़राज़
October 9, 2014
उसे गुमाँ भी नहीं, मैं नहीं रहा उसका
*ज़ोम=घमंड; बेख़बर=अनभिज्ञ; गुमाँ=शक, अंदेशा
~ अहमद फ़राज़
October 9, 2014
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