Wednesday, November 19, 2014

न जाने कौन सी मंज़िल पे

न जाने कौन सी मंज़िल पे आ पहुंचा है प्यार अपना
न हमको एतबार अपना न उनको एतबार अपना ।

~ क़तील शिफ़ाई
Nov 14, 2014

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