Wednesday, November 26, 2014

पूरा दुख और आधा चाँद



पूरा दुख और आधा चाँद
हिज्र की शब और ऐसा चाँद
*हिज्र=विदाई, जुदाई; शब=रात

इतने घने बादल के पीछे
कितना तन्हा होगा चाँद

मेरी करवट पर जाग उठे
नींद का कितना कच्चा चाँद

सेहरा सेहरा भटक रहा है
अपने इश्क़ में सच्चा चाँद

रात के शायद एक बजे हैं
सोता होगा मेरा चाँद

~ परवीन शाकिर

   Jun 6, 2013

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