Tuesday, March 10, 2015

आ के अब तस्लीम कर लें

आ के अब तस्लीम कर लें, तू नहीं तो मैं सही
कौन मानेगा कि हम में बेवफा कोई नहीं

*तस्लीम=स्वीकार

~ अहमद फ़राज़

   Mar 10, 2015 | e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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