Wednesday, October 7, 2015

क्यों हाथ जला, लाख छुपाए गोरी

क्यों हाथ जला, लाख छुपाए गोरी
सखियों ने तो खोल के पहेली रख दी

साजन ने जो पल्लू तेरा खेंचा, तू ने
जलते हुए दीपक पे हथेली रख दी

~ जाँ निसार अख़्तर

  Oct 7, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh 

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