Friday, April 8, 2016

तूने देखा है कभी एक नज़र

तूने देखा है कभी एक नज़र शाम के बाद
कितने चुपचाप से लगते हैं शज़र शाम के बाद
तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दुख
तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद

*शज़र=पेड

~ इजाज़ ज़ैदी

  Mar 17, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment