Saturday, January 27, 2018

रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ

रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ
तो मिट जाता है रंज,
मुश्किलें मुझ पर पड़ीं
इतनी कि आसाँ हो गईं।

*रंज=दुख; ख़ूगर=आदी, अभ्यस्थ

~ मिर्ज़ा ग़ालिब

  Jan 24, 2018| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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