Wednesday, November 19, 2014

सजदे करूँ, सवाल करूँ, इल्तजा करूँ

सजदे करूँ, सवाल करूँ, इल्तजा करूँ।
यूँ दे तो कायनात मेरे काम की नहीं।।
वो ख़ुद अता करे तो जहन्नुम भी है बहिश्त।
माँगी हुई निजात मेरे काम की नहीं।।

~ सीमाब अकबराबादी

   Nov 7, 2014 | e-kavya.blogspot.com
   Submitted by: Ashok Singh

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