Saturday, February 27, 2016

ये दिल ही था जो सह गया


ये दिल ही था जो सह गया
वो बात ऐसी कह गया
कहने को फिर क्या रह गया
अश्कों का दरिया बह गया

जब कह के वो दिलबर गया
तेरे लिए मैं मर गया
रोते हैं उस को रात भर
मैं और मिरी आवारगी

~ जावेद अख़्तर


  Feb 16, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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