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Saturday, January 24, 2015

जिसे भी देखिये नाराज़ है

जिसे भी देखिये नाराज़ है इस दौरे-हाज़िर से
मगर इस दौरे-हाज़िर से बगावत कौन करता है

बना लेते हैं अपनी-अपनी जन्नत को सभी दोज़ख़
मगर दोज़ख़ से पैदा अपनी जन्नत कौन करता है

कोई दैरो-हरम में जाये या बाहर रहे उनसे
उसे मालूम है उसकी इबादत कौन करता है

खुदा का घर बचाने के लिए लड़ते हैं सब लेकिन
जो घर बन्दों के हैं उनकी हिफ़ाज़त कौन करता है

~ राजेश रेड्डी


   Jan 23, 2015 | e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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