की नहीं उम्र भर ख़ता जिसने,
उसने तौहीने-ज़िन्दगी की है।
*तौहीने-ज़िन्दगी = ज़िन्दगी का अपमान
~ नरेश कुमार शाद
Jul 28, 2015| e-kavya.blogspot.com
Ashok Singh
उसने तौहीने-ज़िन्दगी की है।
*तौहीने-ज़िन्दगी = ज़िन्दगी का अपमान
~ नरेश कुमार शाद
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