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Sunday, January 25, 2015

तमाम उम्र तेरा इन्तज़ार





































तमाम उम्र तिरा इंतिज़ार हम ने किया
इस इंतिज़ार में किस किस से प्यार हम ने किया

तलाश-ए-दोस्त को इक उम्र चाहिए ऐ दोस्त
कि एक उम्र तिरा इंतिज़ार हम ने किया
*तलाश-ए-दोस्त=मित्र की खोज

तेरे ख़याल में दिल शादमाँ रहा बरसों
तिरे हुज़ूर उसे सोगवार हम ने किया
*शादमाँ=आनंदित; सोगवार=दुखी

ये तिश्नगी है के उन से क़रीब रह कर भी
'हफ़ीज़' याद उन्हें बार बार हम ने किया
*तिश्नगी=प्यास

~ हफ़ीज़ होशियारपुरी

   Jan 25, 2015 | e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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