आँख और ख़्वाब में एक रात की दूरी रखना
ऐ मुस्सव्विर मेरी तस्वीर अधूरी रखना
अब के तकमील जो करना कोई रिश्तों का निज़ाम
दुश्मनी के भी कुछ आदाब ज़रूरी रखना
Jan 28, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
ऐ मुस्सव्विर मेरी तस्वीर अधूरी रखना
अब के तकमील जो करना कोई रिश्तों का निज़ाम
दुश्मनी के भी कुछ आदाब ज़रूरी रखना
*मुस्सव्विर=तस्वीर बनाने वाला; तकमील=पूर्णता ;
निज़ाम=प्रबन्ध, व्यवस्था; आदाब=शिष्टाचार
~ मेराज़ फ़ैज़ाबादी
निज़ाम=प्रबन्ध, व्यवस्था; आदाब=शिष्टाचार
~ मेराज़ फ़ैज़ाबादी
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