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Wednesday, December 28, 2022

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो


जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने,
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने।
*जुस्तजू=तलाश

सब का अहवाल वही है जो हमारा है आज,
ये अलग बात कि शिकवा किया तन्हा हम ने।
*अहवाल=हालात

ख़ुद पशीमान हुए, ना उसे शर्मिंदा किया,
इश्क़ की वज़्अ को क्या ख़ूब निभाया हम ने।
*वज़्अ=तौर-तरीक़ा

कौन सा क़हर ये आँखों पे हुआ है नाज़िल,
एक मुद्दत से कोई ख़्वाब न देखा हम ने।
* नाज़िल=आया हुआ

उम्र भर सच ही कहा सच के सिवा कुछ न कहा,
अज्र क्या इस का मिलेगा ये न सोचा हम ने।
*अज्र=सिला

~  शहरयार

Dec 28, 2022 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

 

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