इस पथ का उद्देश्य नहीं है
श्रान्त भवन में टिक जाना,
किन्तु पहुँचना उस सीमा तक
जिसके आगे राह नहीं है।
Sep 28, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
श्रान्त भवन में टिक जाना,
किन्तु पहुँचना उस सीमा तक
जिसके आगे राह नहीं है।
~ जयशंकर प्रसाद
Sep 28, 2015| e-kavya.blogspot.com
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