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Wednesday, July 22, 2015

आँधी के झूले पर झूलो



आँधी के झूले पर झूलो
आग बबूला बन कर फूलो
कुरबानी करने को झूमो
लाल सबेरे का मूँह चूमो
ऐ इन्सानों! ओस न चाटो
अपने हाथों पर्वत काटो।

पथ की नदियाँ खींच निकालो
जीवन पीकर प्यास बुझालो
रोटी तुमको राम न देगा
वेद तुम्हारा काम न देगा
जो रोटी का युद्ध करेगा
वह रोटी को आप वरेगा।

~ गजानन माधव मुक्तिबोध


   Jul 22, 2015| e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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