कल चमन था आज इक सहरा हुआ
देखते ही देखते ये क्या हुआ
मुझ को बर्बादी का कोई ग़म नहीं
ग़म है बर्बादी का क्यूँ चर्चा हुआ
इक छोटा सा था मेरा आशियाँ
आज तिनके से अलग तिनका हुआ
सोचता हूँ अपने घर को देख कर
हो न हो ये है मेरा देखा हुआ
देखने वालों ने देखा है धुआँ
किस ने देखा दिल मिरा जलता हुआ
~ राजिंदर कृष्ण
Oct 06, 2020 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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