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Saturday, November 22, 2014

मस्जिद ढा दे, मंदिर ढा दे

मस्जिद ढा दे, मंदिर ढा दे, ढा दे जो कुछ दिसदा,
पर किसी दा दिल न ढावीं, रब दिलान विच वसदा।

~ बाबा बुल्ले शाह

मस्जिद तोड़ो, मंदिर तोड़ो, तोड़ दो जो भी दिखता
पर दिल तोड़ो नहीं किसी, दिल में है रब बसता ।

Oct 29, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

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