मस्जिद ढा दे, मंदिर ढा दे, ढा दे जो कुछ दिसदा,
पर किसी दा दिल न ढावीं, रब दिलान विच वसदा।
~ बाबा बुल्ले शाह
मस्जिद तोड़ो, मंदिर तोड़ो, तोड़ दो जो भी दिखता
पर दिल तोड़ो नहीं किसी, दिल में है रब बसता ।
Oct 29, 2013 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
पर किसी दा दिल न ढावीं, रब दिलान विच वसदा।
~ बाबा बुल्ले शाह
मस्जिद तोड़ो, मंदिर तोड़ो, तोड़ दो जो भी दिखता
पर दिल तोड़ो नहीं किसी, दिल में है रब बसता ।
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