Disable Copy Text

Tuesday, February 14, 2023

जिन ने देखा कहा अहा-हाहा

 

हुस्न उस शोख़ का अहा-हाहा
जिन ने देखा कहा अहा-हाहा

ज़ुल्फ़ डाले है गर्दन-ए-दिल में
दाम क्या क्या बढ़ा अहा-हाहा

आन पर आन वो अजी ओ हो
और अदा पर अदा अहा-हाहा

नाज़ से जो न हो वो करती है
चुपके चुपके हया अहा-हाहा

ताइर-ए-दिल पे उस का बाज़-ए-निगाह
जिस घड़ी आ पड़ा अहा-हाहा

उस की फुरती और उस की लप-छप का
क्या तमाशा हुआ अहा-हाहा

बज़्म-ए-ख़ूबाँ में जब गया वो शोख़
अपनी सज-धज बना अहा-हाहा

की ओ हो-हो किसी ने देख 'नज़ीर'
कोई कहने लगा अहा-हाहा

~  नज़ीर अकबराबादी 

Feb 14, 2023 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh 

No comments:

Post a Comment