कुंज कुंज नग़्मा-ज़न बसंत आ गई
अब सजेगी अंजुमन बसंत आ गई
उड़ रहे हैं शहर में पतंग रंग रंग
जगमगा उठा गगन बसंत आ गई
मोहने लुभाने वाले प्यारे प्यारे लोग
देखना चमन चमन बसंत आ गई
सब्ज़ खेतियों पे फिर निखार आ गया
ले के ज़र्द पैरहन बसंत आ गई
पिछले साल के मलाल दिल से मिट गए
ले के फिर नई चुभन बसंत आ गई
~ नासिर काज़मी
Feb 26, 2021 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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