Disable Copy Text

Saturday, May 6, 2017

हो जवानी में आर पीने से

हो जवानी में आर पीने से
मौत अच्छी है ऐसे जीने से,
मयकशों, एहतिरामे-साक़ी में
जामो-मीना धरो क़रीने से।

कोई मौसम हो कोई साक़ी हो,
हमको मतलब फक़त है पीने से,
मेरी तौबा ने टूट कर ये कहा,
ज़िंदगानी बढ़ेगी पीने से।

क्यों न हो शौक़े-जाम सावन में
मय को निसबत है इस महीने से।

*आर=शर्म; एहतिरामे-साक़ी में=साक़ी के सम्मान में; जामो-मीना=प्याला और सुराही; फक़त=केवल; निसबत=सम्बंध

~ अर्श मल्सियानी

  Apr 28, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment