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Friday, August 24, 2018

शाएर का जशन-ए-सालगिरह

शाएर का जशन-ए-सालगिरह है शराब ला
मंसब ख़िताब रुत्बा उन्हें क्या नहीं मिला
बस नक़्स है तो इतना कि मम्दूह ने कोई
मिस्रा किसी किताब के शायाँ नहीं लिखा

*मंसब=पदवी, ख़िताब; नक़्स=कमी; मम्दूह=प्रसिद्ध (व्यक्ति); शायाँ=क़ाबिल

~ फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

  Aug 22, 2018 | e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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