Disable Copy Text

Friday, May 25, 2018

अब तो नींद नहीं आएगी

Image may contain: 1 person, sky and outdoor

अब तो नींद नहीं आएगी
देख सिरहाने याद तुम्हारी

हमने तो रिश्ता बोया था
प्यार न जाने कब उग आया
कब सींचा कब हरा हो गया
कैसे कर दी शीतल छाया
अब इस दिल को कौन संभाले
ना कांधा ना बांह तुम्हारी

कब जाना था साथ बंधे तो
दूर-दूर हो अलग चलेंगे
सातों कसमें खाने वाले
दो बातों तक को तरसेंगे
आधी रातें घनी चाँदनी
आँगन सूना मौसम भारी

दुनिया छोटी है, सुनते थे
दूर न कोई जा पाता है
समय लगा कर पंख, कहा था
पल भर में ही उड़ जाता है
पर पल भी युग बन जाता है
नहीं पता थी यह लाचारी

~ पूर्णिमा वर्मन

  May 27, 2018 | e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment