Disable Copy Text

Friday, September 6, 2019

अभी तो मैं जवान हूँ


Image may contain: 1 person, closeup

अभी तो मैं जवान हूँ
जवान हो तो ज़िंदगी की नब्ज़ गुदगुदा तो दो
जवान हो तो वक़्त की सियाहियाँ मिटा तो दो
ये आग लग रही है क्यूँ उसे ज़रा बुझा तो दो

*सियाहियाँ=कालिखें

अभी तो मैं जवान हूँ
जवान हो तो आँधियों से डर रहे हो किस लिए
जवान हो तो बे-कसी से मर रहे हो किस लिए
उरूस-ए-नौ की तरह तुम सँवर रहे हो किस लिए

*बे-कसी=लाचारी; उरूस-ए-नौ=नई दुल्हन

अभी तो मैं जवान हूँ
जवान हो तो शीशा-ओ-शराब ज़िंदगी नहीं
जवान हो तो ज़िंदगी में सिर्फ़ इक हँसी नहीं
फ़लक पे बदलियाँ भी हैं फ़लक पे चाँदनी नहीं

*शीशा-ओ-शराब=शराब और प्याला

अभी तो मैं जवान हूँ
जवान हो तो हो गए हो ज़िंदगी पे बार क्यूँ
जवान हो तो दर ही से पलट गई बहार क्यूँ
दिमाग़ हसरतों का है बना हुआ मज़ार क्यूँ

अभी तो मैं जवान हूँ
जवान हो तो ज़िंदगी से काम ले के बढ़ चलो
जवान हो तो हुर्रियत का नाम ले के बढ़ चलो
दयार-ए-इंक़लाब का पयाम ले के बढ़ चलो

*हुर्रियत=स्वतंत्रता; दयार-ए-इंक़लाब=देश

~ अख़्तर पयामी

 Sep 6, 2019 | e-kavya.blogspot.com
 Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment