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Sunday, October 29, 2017

कब कब कितने फूल झरे

Image may contain: tree, sky, plant, outdoor and nature

कब कब कितने फूल झरे
यह उपवन को ही ज्ञात नहीं।

कितने छले गए
मृगजल को इसकी खबर नहीं
कितने पथ भटके
जंगल को इसकी खबर नहीं

तन पर कितने साँप घिरे
यह चंदन को ही ज्ञात नहीं।

कितने सपने टूटे
उसकी ही पाँखों से पूछो
बिछड़े कितने लोग
चिता की राखों से पूछो

कितनी गिरी बिजलियाँ
यह सावन को ही ज्ञात नहीं।

कब कब कितने फूल झर
यह उपवन को ही ज्ञात नहीं।

‍~ यतीन्द्र राही


  Oct 21, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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