ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
ऐ चमन ऐ चमन हम तिरे बाग़बाँ
चाँदनी धूप बादल बरसती घटा
हर नज़ारा हसीं हर अदा दिलरुबा
गुल-बदामाँ तिरी दिल-नशीं-दारियाँ
ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
तेरी तहज़ीब गुलदस्ता-ए-ज़िंदगी
तेरी तारीख़ आईना-ए-ज़िंदगी
हर वरक़ आदमियत की है दास्ताँ
ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
ख़ून-ए-दिल से सजाते रहे हम तुझे
रश्क-ए-जन्नत बनाते रहे हम तुझे
तुझ को हसरत से देखा किया आसमाँ
ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
*पासबाँ=संतर
~ रिफ़अत सरोश
ऐ चमन ऐ चमन हम तिरे बाग़बाँ
चाँदनी धूप बादल बरसती घटा
हर नज़ारा हसीं हर अदा दिलरुबा
गुल-बदामाँ तिरी दिल-नशीं-दारियाँ
ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
तेरी तहज़ीब गुलदस्ता-ए-ज़िंदगी
तेरी तारीख़ आईना-ए-ज़िंदगी
हर वरक़ आदमियत की है दास्ताँ
ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
ख़ून-ए-दिल से सजाते रहे हम तुझे
रश्क-ए-जन्नत बनाते रहे हम तुझे
तुझ को हसरत से देखा किया आसमाँ
ऐ वतन ऐ वतन हम तिरे पासबाँ
*पासबाँ=संतर
~ रिफ़अत सरोश
Jul 4, 2019 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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