हम सब
एक इत्तिफ़ाक़ के
मुख़्तलिफ़ नाम हैं
मज़हब
मुल्क
ज़बान
इसी इत्तिफ़ाक़ की अन-गिनत कड़ियाँ हैं
अगर पैदाइश से पहले
इन्तिख़ाब की इजाज़त होती
तो कोई लड़का (या लड़की)
अपने (माँ) बाप के घर में पैदा होना पसंद नहीं करता
*मुख़्तलिफ़=अलग अलग; इंतिख़ाब=चुना हुआ
~ निदा फ़ाज़ली
Jul 5, 2019 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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