रोएँ न अभी अहल-ए-नज़र हाल पे मेरे
होना है अभी मुझ को ख़राब और ज़ियादा
*अहल-ए-नज़र=नज़र रखने वाले
~ मजाज़ लखनवी
Jun 05, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
होना है अभी मुझ को ख़राब और ज़ियादा
*अहल-ए-नज़र=नज़र रखने वाले
~ मजाज़ लखनवी
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