दुनिया भी अजब सराये-फ़ानी देखी
हर चीज यहां की आनी जानी देखी
जो आ के न जाये वह बुढ़ापा देखा
जो जा के न आये, वह जवानी देखी।
May 31, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
हर चीज यहां की आनी जानी देखी
जो आ के न जाये वह बुढ़ापा देखा
जो जा के न आये, वह जवानी देखी।
*सराय=रहने की जगह; फ़ानी=नश्वर, जो नष्ट हो जायेगा
~ मीर अनीस लखनवी
~ मीर अनीस लखनवी
May 31, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment