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Saturday, November 11, 2017

पहले इस में इक अदा थी

पहले इस में इक अदा थी नाज़ था अंदाज़ था
रूठना अब तो तिरी आदत में शामिल हो गया

~ आग़ा शाएर क़ज़लबाश

  Nov 10, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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