आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी
रात गहरी है मगर चाँद चमकता है अभी
मेरे माथे पे तिरा प्यार दमकता है अभी
मेरी साँसों में तिरा लम्स महकता है अभी
मेरे सीने में तिरा नाम धड़कता है अभी
ज़ीस्त करने को मिरे पास बहुत कुछ है अभी
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी!
*लम्स=स्पर्श; जीस्त=ज़िंदगी
तेरी आवाज़ का जादू है अभी मेरे लिए
तेरे मल्बूस की ख़ुश्बू है अभी मेरे लिए
तेरी बाँहें तिरा पहलू है अभी मेरे लिए
सब से बढ़ कर मिरी जाँ तू है अभी मेरे लिए
ज़ीस्त करने को मिरे पास बहुत कुछ है अभी
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी!
आज के ब'अद मगर रंग-ए-वफ़ा क्या होगा
इश्क़ हैराँ है सर-ए-शहर-ए-सबा क्या होगा
मेरे क़ातिल तिरा अंदाज़-ए-जफ़ा क्या होगा!
*मल्बूस=कपड़ों; सर-ए-शहर-ए-सबा=शहर में चलने वाली पुरवैया; अंदाज़-ए-जफ़ा=ज़ुल्म करने का तरीका
आज की शब तो बहुत कुछ है मगर कल के लिए
एक अंदेशा-ए-बेनाम है और कुछ भी नहीं
देखना ये है कि कल तुझ से मुलाक़ात के ब'अद
रंग-ए-उम्मीद खिलेगा कि बिखर जाएगा
वक़्त परवाज़ करेगा कि ठहर जाएगा
जीत हो जाएगी या खेल बिगड़ जाएगा
ख़्वाब का शहर रहेगा कि उजड़ जाएगा
*अंदेशा-ए-बेनाम =व्यग्रता; परवाज़=उड़ान
~ परवीन शाकिर
रात गहरी है मगर चाँद चमकता है अभी
मेरे माथे पे तिरा प्यार दमकता है अभी
मेरी साँसों में तिरा लम्स महकता है अभी
मेरे सीने में तिरा नाम धड़कता है अभी
ज़ीस्त करने को मिरे पास बहुत कुछ है अभी
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी!
*लम्स=स्पर्श; जीस्त=ज़िंदगी
तेरी आवाज़ का जादू है अभी मेरे लिए
तेरे मल्बूस की ख़ुश्बू है अभी मेरे लिए
तेरी बाँहें तिरा पहलू है अभी मेरे लिए
सब से बढ़ कर मिरी जाँ तू है अभी मेरे लिए
ज़ीस्त करने को मिरे पास बहुत कुछ है अभी
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी!
आज के ब'अद मगर रंग-ए-वफ़ा क्या होगा
इश्क़ हैराँ है सर-ए-शहर-ए-सबा क्या होगा
मेरे क़ातिल तिरा अंदाज़-ए-जफ़ा क्या होगा!
*मल्बूस=कपड़ों; सर-ए-शहर-ए-सबा=शहर में चलने वाली पुरवैया; अंदाज़-ए-जफ़ा=ज़ुल्म करने का तरीका
आज की शब तो बहुत कुछ है मगर कल के लिए
एक अंदेशा-ए-बेनाम है और कुछ भी नहीं
देखना ये है कि कल तुझ से मुलाक़ात के ब'अद
रंग-ए-उम्मीद खिलेगा कि बिखर जाएगा
वक़्त परवाज़ करेगा कि ठहर जाएगा
जीत हो जाएगी या खेल बिगड़ जाएगा
ख़्वाब का शहर रहेगा कि उजड़ जाएगा
*अंदेशा-ए-बेनाम =व्यग्रता; परवाज़=उड़ान
~ परवीन शाकिर
Sep 21, 2018 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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