Disable Copy Text

Sunday, May 24, 2020

चाँद सा चेहरा, नूर की चितवन


चाँद सा चेहरा, नूर की चितवन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
तुर्फ़ा निकाला आप ने जोबन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*तुर्फ़ा=अनूठा; जोबन=यौवन

गुल रुख़-ए-नाज़ुक, ज़ुल्फ़ है सुम्बुल, आँख है नर्गिस, सेब-ए-ज़नख़दाँ
हुस्न से तुम हो ग़ैरत-ए-गुलशन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*गुल=फूल; रुख़-ए-नाज़ुक=नाज़ुक चेहरा; सुम्बुल=षुशबूदार घास; सेब-ए-ज़नख़दाँ=डिम्पल; ग़ैरत=गौरव

साक़ी-ए-बज़्म-ए-रोज़-ए-अज़ल ने, बादा-ए-हुस्न भरा है इस में
आँखें हैं साग़र, शीशा है गर्दन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*रोज़-ए-अज़ल=आदि-काल; बादा-ए-हुस्न=ख़ूबसूरती का जाम

क़हर ग़ज़ब, ज़ाहिर की रुकावट, आफ़त-ए-जाँ दर-पर्दा लगावट
चाह की तेवर, प्यार की चितवन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*क़हर=प्रकोप; आफ़त-ए-जाँ=जान की आफ़त(प्रेमी); दर-पर्दा=राज़ की बात

ग़म्ज़ा उचक्का, इश्वा है डाकू, क़हर अदाएँ, सेहर हैं बातें
चोर निगाहें नाज़ है रहज़न, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*ग़म्ज़ा=रसिक निगाह; इश्वा=अंदाज़; सेहर=जादू; रहज़न=(रास्ते का) लुटेरा

नूर का तन है, नूर के कपड़े, उस पर क्या ज़ेवर की चमक है
छल्ले, कंगन, इक्के जोशन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*जोशन=बाजू-बंद

जम्अ' किया ज़िद्दैन को तुम ने, सख़्ती ऐसी नर्मी ऐसी
मोम बदन है, दिल है आहन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
*ज़िद्दैन=एक दूसरे के विरोधी; आहन=लोहे के समान

वाह 'अमीर' ऐसा हो कहना, शे'र हैं या मा'शूक़ का गहना
साफ़ है बंदिश, मज़मूँ रौशन, माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह

~ अमीर मीनाई

May 24, 2020 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment