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Sunday, May 17, 2020

कारवाँ गुज़रा किया


कारवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र देखा किये,
हर क़दम पर नक़्श-ए-पा-ए- राहबर देखा किये।
*रहगुज़र=रास्ता; नक़्श-ए-पा-ए- राहबर=राह दिखाने वाले के पदचिन्ह

यास जब छाई उम्मीदें हाथ मल कर रह गईं,
दिल की नब्ज़ें छुट गयीं और चारागर देखा किये।
*चारागर=वैद्य

रुख़ मेरी जानिब निगाह-ए-लुत्फ़ दुश्मन की तरफ़,
यूँ उधर देखा किये गोया इधर देखा किये।

दर्द-मंदाने-वफ़ा की हाये रे मजबूरियाँ,
दर्दे-दिल देखा न जाता था मगर देखा किये।
*
दर्द-मंदाने-वफ़ा=वफ़ा करने वाले से सहानुभूति
 
तू कहाँ थी ऐ अज़ल ऐ नामुरादों की मुराद,
मरने वाले राह तेरी उम्र भर देखा किये।
*अजल=मृत्यु

~ फ़ानी बदायूँनी

May 17, 2020 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

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