यहाँ तो उम्र गुज़री है मौज-ओ-तलातुम में,
वो कोई और होंगे सैर-ए-साहिल देखने वाले
*मौज-ओ-तलातुम=लहरों और तूफ़ानों; सैर-ए-साहिल=किनारे की सैर
~ असग़र गोंडवी
May 5, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
वो कोई और होंगे सैर-ए-साहिल देखने वाले
*मौज-ओ-तलातुम=लहरों और तूफ़ानों; सैर-ए-साहिल=किनारे की सैर
~ असग़र गोंडवी
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