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Friday, December 22, 2017

ख़्वाहिश परी की है

ख़्वाहिश परी की है न तमन्ना है हूर की
आँखों के आगे बस रहे सूरत हुज़ूर की

~ हमदम अकबराबादी

  Dec 18, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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