ख़्वाहिश परी की है न तमन्ना है हूर की
आँखों के आगे बस रहे सूरत हुज़ूर की
~ हमदम अकबराबादी
Dec 18, 2017| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
आँखों के आगे बस रहे सूरत हुज़ूर की
~ हमदम अकबराबादी
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