तुम ने मोहब्बत को मरते देखा है?
चमकती हँसती आँखें पथरा जाती हैं
दिल के दालानों में
परेशान गर्म लू के झक्कड़ चलते हैं
गुलाबी एहसास के बहते हुए ख़ुश्क
और लगता है जैसे
किसी हरी-भरी खेती पर पाला पड़ जाए!
लेकिन या-रब
आरज़ू के इन मुरझाए सूखे फूलों
इन गुम-शुदा जन्नतों से
कैसी संदली
दिल-आवेज़
ख़ुशबुएँ आती हैं!
*दिल-आवेज़=मनोहारी
~ सज्जाद ज़हीर
Aug 10, 2020 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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