Disable Copy Text

Monday, August 24, 2020

तुमको अपनी नादानी पर

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

तुमको अपनी नादानी पर
जीवन भर पछताना होगा!

मैं तो मन को समझा लूंगा
यह सोच कि पूजा था पत्थर--
पर तुम अपने रूठे मन को
बोलो तो, क्या उत्तर दोगी ?
नत शिर चुप रह जाना होगा!
जीवन भर पछताना होगा!
*नत-शिर=विनीत हो कर

मुझको जीवन के शत संघर्षों में
रत रह कर लड़ना है ;
तुमको भविष्य की क्या चिन्ता,
केवल अतीत ही पढ़ना है!
बीता दुख दोहराना होगा!
जीवन भर पछताना होगा!

तुमको अपनी नादानी पर
जीवन भर पछताना होगा!

शैलेंद्र 

Aug 24, 2020 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh


No comments:

Post a Comment