Disable Copy Text

Wednesday, August 12, 2020

मेरे जैसे बन जाओगे

 

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा,
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा।

हर बात गवारा कर लोगे मिन्नत भी उतारा कर लोगे,
ता'वीज़ें भी बंधवागे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा।

तन्हाई के झूले खोलेंगे हर बात पुरानी भूलेंगे,
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा।

जब सूरज भी खो जाएगा और चाँद कहीं सो जाएगा,
तुम भी घर देर से आओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएग।

बेचैनी बढ़ जाएगी और याद किसी की आएगी,
तुम मेरी ग़ज़लें गाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा।

~ सईद राही 
 
Aug 12, 2020 | e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

 

No comments:

Post a Comment