पहलू में दिल नहीं कि दहन में ज़बां नहीं
चुप हूँ कि बात करने का कोई समां नहीं,
इस वक़्त आप कौन-सी हुज्जत करेंगे पेश
इस वक़्त तो हुजूर कोई दरमियाँ नहीं।
*दहन=मुंह
~ अदम
Sep 21, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
चुप हूँ कि बात करने का कोई समां नहीं,
इस वक़्त आप कौन-सी हुज्जत करेंगे पेश
इस वक़्त तो हुजूर कोई दरमियाँ नहीं।
*दहन=मुंह
~ अदम
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