नज़र लगे न कहीं तेरे दस्तो - बाज़ू को,
ये लोग क्यों मेरे ज़ख़्मे-जिगर को देखते हैं।
*दस्तो-बाज़ू=हथेली और हाथ
Sep 3, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
ये लोग क्यों मेरे ज़ख़्मे-जिगर को देखते हैं।
*दस्तो-बाज़ू=हथेली और हाथ
~ ग़ालिब
Sep 3, 2015| e-kavya.blogspot.com
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