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Friday, September 4, 2015

नज़र लगे न कहीं

नज़र लगे न कहीं तेरे दस्तो - बाज़ू को,
ये लोग क्यों मेरे ज़ख़्मे-जिगर को देखते हैं।

*दस्तो-बाज़ू=हथेली और हाथ

~ ग़ालिब

  Sep 3, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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