ग़म में डूबे ही रहे
दम न हमारा निकला,
बहर-ए-हस्ती का बहुत
दूर किनारा निकला।
Jan 23, 2018| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
दम न हमारा निकला,
बहर-ए-हस्ती का बहुत
दूर किनारा निकला।
*बहर-ए-हस्ती=जीवन का समुद्र
~ बेख़ुद देहलवी
~ बेख़ुद देहलवी
Jan 23, 2018| e-kavya.blogspot.com
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