रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ
तो मिट जाता है रंज,
मुश्किलें मुझ पर पड़ीं
इतनी कि आसाँ हो गईं।
Jan 24, 2018| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
तो मिट जाता है रंज,
मुश्किलें मुझ पर पड़ीं
इतनी कि आसाँ हो गईं।
*रंज=दुख; ख़ूगर=आदी, अभ्यस्थ
~ मिर्ज़ा ग़ालिब
~ मिर्ज़ा ग़ालिब
Jan 24, 2018| e-kavya.blogspot.com
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