रंगो-हर्फो-सदा की दुनिया में
ज़िंदगी क़त्ल हो गई है कहीं
मर गया लफ़्ज़, उड़ गया मफ़हूम
और आवाज़ खो गई है कहीं।
Nov 2, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
ज़िंदगी क़त्ल हो गई है कहीं
मर गया लफ़्ज़, उड़ गया मफ़हूम
और आवाज़ खो गई है कहीं।
*रंगो-हर्फो-सदा=चित्रकला, लेखन और गायन (शायद फिल्मी से मतलब हो?); मफ़हूम=अर्थ
~ अहमद नदीम क़ासमी
~ अहमद नदीम क़ासमी
Nov 2, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment