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Thursday, November 5, 2015

रंगो-हर्फो-सदा की दुनिया में

रंगो-हर्फो-सदा की दुनिया में
ज़िंदगी क़त्ल हो गई है कहीं
मर गया लफ़्ज़, उड़ गया मफ़हूम
और आवाज़ खो गई है कहीं।

*रंगो-हर्फो-सदा=चित्रकला, लेखन और गायन (शायद फिल्मी से मतलब हो?); मफ़हूम=अर्थ

~ अहमद नदीम क़ासमी

  Nov 2, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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