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Tuesday, November 10, 2015

फूल खिला दे शाखों पर



फूल खिला दे शाखों पर, पेड़ों को फल दे मालिक
धरती जितनी प्यासी है, उतना तो जल दे मालिक

वक़्त बड़ा दुखदायक है, पापी है संसार बहुत,
निर्धन को धनवान बना, दुर्बल को बल दे मालिक

कोहरा कोहरा सर्दी है, काँप रहा है पूरा गाँव,
दिन को तपता सूरज दे, रात को कम्बल दे मालिक

बैलों को एक गठरी घास, इंसानों को दो रोटी,
खेतो को भर गेहूं से, काँधों को हल दे मालिक

हाथ सभी के काले हैं, नजरें सबकी पीली हैं,
सीना ढांप दुपट्टे से, सर को आँचल दे मालिक

~ श
कील आज़मी

  Nov 10, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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