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Thursday, November 5, 2015

पंच तत्व के सत, रज, तम से

पंच तत्व के सत, रज, तम से बनी जिन्दगी
अर्थ-काम रत, धर्म - मोक्ष से डरी जिन्दगी
आवागमन, अव्यक्त, अनेक रूप है तेरे,
कुछ तो अपना अता-पता दे, अरी जिन्दगी

~ नीरज

  Nov 3, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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