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Tuesday, November 10, 2015

सरसरी तुम जहान से गुज़रे

सरसरी तुम जहान से गुज़रे
वरना हर जा, जहान-ए-दीगर था

*सरसरी=बेपरवाह; जहान=दुनिया; जा=तरफ; दीगर=दूसरी

~ मीर तक़ी मीर

  Nov 9, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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