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Friday, October 7, 2016

कितने अकेले तुम रह सकते हो


कितने अकेले तुम रह सकते हो?
अपने जैसे कितनों को खोज सकते हो तुम?
अपने जैसे कितनों को बना सकते हो?

हम एक गरीब देश के रहने वाले हैं
इसलिए
हमारी मुठभेड़ हर वक्त रहती है ताकत से।


देश के गरीब होने का मतलब है
अकड़ और अश्लीलता का
हम पर हर वक्त हमला।

~ रघुवीर सहाय
  Oct 6, 2016| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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