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Sunday, August 2, 2015

मैं छुपाता हूँ बरहना ख़्वाहिशें

मैं छुपाता हूँ बरहना ख़्वाहिशें,
वो समझती हैं कि शर्मीला हूँ मैं ।

*बरहना=(फारसी-बर्हन) जिसके शरीर पर कोई वस्त्र न हो, नग्न

~ अनवर शऊर

   Jul 30, 2015| e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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